पॉलिटेक्निक के छात्र तीन साल में करेंगे तीन इंटर्नशिप, कंपनी बनाने के बारे में भी दिया जाएगा प्रशिक्षण
सार
न्यू इंटर्नशिप नीति के तहत छात्रों को दूसरे सेमेस्टर के बाद गर्मी की छुट्टियों में तीन से चार हफ्ते की पहली इंटर्नशिप करनी होगी। इसमें कार्यशाला में प्रशिक्षण, रिसर्च प्रोजेक्ट पर काम और संस्थान की लैब में काम करना होगा।.
विस्तार
प्रदेश के पॉलिटेक्निक संस्थानों में न्यू इंटर्नशिप नीति लागू की जा रही है। इस नीति के तहत डिप्लोमा इंजीनियरिंग के छात्रों को तीन साल में तीन तरह की इंटर्नशिप करनी होगी। नौकरी की राह आसान हो सके, इसीलिए छात्रों को उद्योगों में प्रायोगिक ज्ञान दिलाने की तैयारी की गई है।
शोध विकास एवं प्रशिक्षण संस्थान (आईआरडीटी) ने पॉलिसी को बनाकर शासन को भेज दी है। अब शासन की हरी झंडी मिलते ही नई नीति लागू कर दी जाएगी। आईआरडीटी के निदेशक मनोज कुमार ने बताया कि अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के निर्देशों को ध्यान में रखकर नीति बनाई गई है।
नीति के तहत छात्रों को वर्कशॉप में काम करना, कंपनी बनाने के बारे में प्रशिक्षण और उद्योगों में काम करना सिखाया जाएगा। सभी छात्रों को इंटर्नशिप करनी होगी। मार्कशीट में इंटर्नशिप करने वालों के क्रेडिट अंक भी जोड़े जाएंगे। नए सत्र से नई नीति को लागू करने की संभावना है।
कब करनी होगी इटर्नशिप
न्यू इंटर्नशिप नीति के तहत छात्रों को दूसरे सेमेस्टर के बाद गर्मी की छुट्टियों में तीन से चार हफ्ते की पहली इंटर्नशिप करनी होगी। इसमें कार्यशाला में प्रशिक्षण, रिसर्च प्रोजेक्ट पर काम और संस्थान की लैब में काम करना होगा। इसका क्रेडिट स्कोर 3-4 है। दूसरी इंटर्नशिप चौथे सेमेस्टर के बाद गर्मी की छुट्टियों में होगी। इसमें उद्योग, सरकारी संस्थान, एनजीओ, एमएसएमई, ग्रामीण इलाकों में काम, इनोवेशन और एंटरप्रेन्योरशिप के गुर सीखना होगा। यह चार से छह हफ्ते की होगी, इसका क्रेडिट स्कोर 4-6 है। तीसरी इंटर्नशिप पांचवें सेमेस्टर के बाद तीन से चार हफ्ते की होगी, इसका क्रेडिट स्कोर 3-4 है। इसमें प्रोजेक्ट रिपोर्ट आदि बनाना सिखाया जाएगा।
नई इंटर्नशिप नीति के फायदे
– उद्योगों को उनकी मांग के अनुसार अभ्यर्थी मिलेेंगे।
– उद्योगों को कम समय के लिए स्टाफ मिलता रहेगा।
– कुछ छात्रों को इंटर्नशिप के समय ही नौकरी मिल जाएगी।
– छात्रों और उद्योग के बीच संबंध बनेंगे जो कि नौकरी के समय सहायक होगे।